जीवन पथ
उचित अनुचित
मैं हूँ विक्षिप्त
रुग्ण हृदय
शोकाकुल है देह
स्मरण तुम
घना कोहरा
धुंधली सी ये आँखें
फ़ैली हैं यादें
उदास क्षण
मेरी ये तन्हाइयां
यादें जुगनू
प्यार है तेरा
मचलती लहरें
मैं हूँ मछली
जीवन पथ
उचित अनुचित
मैं हूँ विक्षिप्त
रुग्ण हृदय
शोकाकुल है देह
स्मरण तुम
घना कोहरा
धुंधली सी ये आँखें
फ़ैली हैं यादें
उदास क्षण
मेरी ये तन्हाइयां
यादें जुगनू
प्यार है तेरा
मचलती लहरें
मैं हूँ मछली
14 comments:
अच्छा प्रयास किया है आपने।
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय शास्त्री जी___आपकी प्रतिक्रिया ही मुझे हौसला देती है :)
पहली बार में ही मेरे लिखे हाइकू को चर्चा मंच में शामिल करने हेतु हृदय से आभार आपका :)
सुंदर हाइकू। पढ़कर अच्छा लगा।
आभार आज़मी जी
सुन्दर हाइकु
शुक्रिया ओंकार जी
सुंदर हाइकु
सुंदर हाइकु
अच्छा प्रयास
शुक्रिया :)
आभार आपका :)
Badhiya prayas
उदास क्षण और प्यार है तेरा विशेष रूप से अच्छे लगे शुभकामनाये 😊👍
Badhiya prayas
उदास क्षण और प्यार है तेरा विशेष रूप से अच्छे लगे शुभकामनाये 😊👍
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