skip to main |
skip to sidebar
यारो के घर देख लिए
सारे मंज़र देख लिए,
जो भी थे
बुनियाद में शामिल
वो भी पत्थर देख लिए,
मय तो पानी जैसी पी
ग़म भी पीकर देख लिए,
आँसू की सौगात ही पाई
खुलके हँसकर देख लिए,
किसके पास है कितना दिल
भटके दर-दर देख लिए,
काँटों का तोहफा देते हैं
फूल से पैकर देख लिए, 
हा हमने सावन क साथ पतझर भी देख लिए
0 comments:
Post a Comment