सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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साहिल के सुकून से किसे इनकार है..लेकिन..तूफ़ान से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है......

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