सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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वीरानीयां

@nibhachoudhary: हज़ारो कोशिशों को फिर नाकाम होते देख रही हूँ आज फिर वीरानीयों मे खुद को ढुंढ़ते देख रही हूँ ♥ Shared via TweetCaster

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