सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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याद तेरी आये

ये रात का सूनापन 
विरान दिल का आँगन 
खोया खोया जहाँ 
ढुढ़े सकूं कहाँ 
ये झिलमिल चाँदनी
गाये तेरे ही गीत 
ये ठंडी ठंडी पवन 
तेरा नाम पुकारे सजन 
हूक सी उठे मन में 
छवि तेरी ही नयन में 
तुझे कैसे कहें हमदम 
जीवन में तेरी कमी हरदम 
ओ मेरे मन मीत 
तुझसे ही जले प्रेमदीप 
याद तेरी आये 
दिल तड़प तड़प जाये 

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1 comments:

India Support said...

Ration Card
आपने बहुत अच्छा लेखा लिखा है, जिसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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