जागी जागी ख़्वाब देखूं
सोई ~ सोई रातों में
तेरा ही अक़्स दिखे
मुझे हर सितारों में
चाँद की बाहों में
चाँदनी की पनाहों में
तेरी ही बातें करूँ
हमदम~मैं फ़िज़ाओं में
फूलों की ख़ुश्बू में
महक तेरे साँसों की
दिल पे कब्ज़ा हर घड़ी
पहरा तेरे यादों की
बीते हर पल ज़ाना
तेरे ही नाम से
आँखों की नमी हटे
तेरी ही मुस्कान से
ज़मी की नमी जिऊं
सूखे आसमां से
मन की बात जानम
लिखूँ मैं अरमां से
पढ़ना तूं ख़त समझ
दो पल को आराम से~~!!!
3 comments:
वाह !
बहुत सुंदर ।
धन्यवाद जोशी जी ~!!!
Ration Card
आपने बहुत अच्छा लेखा लिखा है, जिसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
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