किशन कन्हैया
बन में बसिया
मोहक धुन सुनाए
गोपियों संग
रास रचाये
नित्य नए स्वांग
बनाए,वे
मंद मंद मुस्काए,
नैनन से तीर चलाये
जियरा घायल कर जाए,
छैल छविला
मोहन प्यारा
मोहपाश में अपने
सबको बाँध जाये,
गोपियाँ सब बड़ी सयानी
कृष्णा की बातों में न आये
भ्रमज़ाल में उलझाकर कान्हा
सबको नाच नचाए~!!!
3 comments:
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14 - 01- 2016 को चर्चा मंच पर <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2016/01/2221.html> चर्चा - 2221 </a> में दिया जाएगा
धन्यवाद
चर्चामंच में शामिल करने हेतु आभार आपका~!!!
Become Global Publisher with leading EBook Publishing Company(Print on Demand),start Publishing:http://www.onlinegatha.com/, send your Book Details at: editor.onlinegatha@gmail.com,
Post a Comment