बेहद खुबसूरत कला का संसार है वहाँ
बहुत देर तक घुमती रही जहाँ..
हर तस्वीर को देर तक निहारती रही ..
बड़ी राहत थी उन रंगों में ..
देखती गयी ..खोई रही ...
हर एक रंग को बहेतरीन
ढंग से सोच समझ कर एक कोरे
कागज़ में मानों जीवन का संचार
कर दिया गया ... हर तस्वीर कुछ
कहती प्रतीत हो रही थी ...
सब अपने जन्म की दास्ताँ कहने
को तत्पर लग रही थी ...
उस वक्त की परिस्थिति जब उन्हें
आकार दिया जा रहा था ...
कितना कुछ चल रहा होगा उस दिमाग में ...
अपनी सारी सोचों को रंगों में ढालने से
पूर्व....
हर एक सोच के साथ एक नए रंग का चुनाव
रंगों में डूबीं हुई सोच ...जब हिर्दय रूपी ब्रस
का साथ पाकर किसी कोरे कागज़ को स्पर्स
करती है तभी शायद जीवंत तस्वीर का जन्म
संभब हो पाता है ...
बोलती तस्वीरे ....अपनी कहानी कहती तस्वीरे
कोरे कागज में जान फुकने से पहले
जन्म दाता की सोंच क्या हुबहू
तस्बीर देखने वालो की आँखों से होते
हुए दिल तक पहुचती है ...
बहुत देर तक घुमती रही जहाँ..
हर तस्वीर को देर तक निहारती रही ..
बड़ी राहत थी उन रंगों में ..
देखती गयी ..खोई रही ...
हर एक रंग को बहेतरीन
ढंग से सोच समझ कर एक कोरे
कागज़ में मानों जीवन का संचार
कर दिया गया ... हर तस्वीर कुछ
कहती प्रतीत हो रही थी ...
सब अपने जन्म की दास्ताँ कहने
को तत्पर लग रही थी ...
उस वक्त की परिस्थिति जब उन्हें
आकार दिया जा रहा था ...
कितना कुछ चल रहा होगा उस दिमाग में ...
अपनी सारी सोचों को रंगों में ढालने से
पूर्व....
हर एक सोच के साथ एक नए रंग का चुनाव
रंगों में डूबीं हुई सोच ...जब हिर्दय रूपी ब्रस
का साथ पाकर किसी कोरे कागज़ को स्पर्स
करती है तभी शायद जीवंत तस्वीर का जन्म
संभब हो पाता है ...
बोलती तस्वीरे ....अपनी कहानी कहती तस्वीरे
कोरे कागज में जान फुकने से पहले
जन्म दाता की सोंच क्या हुबहू
तस्बीर देखने वालो की आँखों से होते
हुए दिल तक पहुचती है ...
0 comments:
Post a Comment