सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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प्रेम पुष्प

हर तरफ़ खुश्बू फ़ैले प्रेम पुष्प चहुँ ओर खिले
आओ मिलके ऐसा एक बाग़ लगायें

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