तुम थे तुम हो तुम ही रहोगे
नफरत लिखो या प्यार लिखो
कहता है हमदम ये साल नया
तुम स्नेह लिखो दुलार लिखो
करते हो तुम सवाल बहुत
कभी तो अपना हाल लिखो
आती हूँ मैं याद तुम्हें भी
कुछ ऐसा इस साल लिखो
छोड़ो अब ये व्यथापुराण
आंसुओं का विवरण रहने दो
विपुलहर्ष ले नववर्ष आया
तुम हर धड़कन को प्रेम लिखो__|||💞
स्नेह लिखो दुलार लिखो
02:59 |
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2 comments:
सुंदर भाव-अभिव्यक्ति।
शुक्रिया 😊
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