सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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सुकून

आत्मा परमात्मा में मिल जायेगी
हर तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ फैल जायेगी
ना किसी को कोई गीला हो
ना किसी को शिकवा होगा ♥

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