सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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गलती

सब झूठ सब दिखावा 
प्यार में सब है छलावा
निगाह कही और होती है 
अक्सर वार कही और हो जाता है 
सायद इसी प्यार को गलती कहा जा
ता है 

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