जिंदगी बन के रह गई है बातें
सिर्फ बातें
हर तरह हर सूँ बातें ही बातें
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झेल रही हैं जिंदगी ना जाने कितने अत्याचार
कब जागेगा आम आदमी करके कोई विचार
सिर्फ बातें करने से कटेगी नहीं जिंदगी
बल्की काट दी जायेगी
अब भी सोये रहें तो और कयामत आयेगी
ये देस हम सबका है, ना चलने दो किसी की तुम चाल
उठो अब बातें छोड़ों, कुछ करो, ना आने दो कोई भूचाल
इंसान हो ग़र तो इंसानियत भी दिखलाओं
इन भ्रष्ट नेताओं को कुछ तो सबक सिखलाओ
है अगर गरमी खून में तुम्हारे तो देश को दिखाओ
यूँ ना किया करो सिर्फ बातें, आगे आओ देश को बचाओ
बदलाव के जरूरी नहीं टिकट राजनीति का
मदद के लिये नहीं जरूरत सेना की वरदी का
बातें छोड़ों करो अब कुछ काम
यूँ ना बनने दो अपने देश को तुम श्मशान....
बातें सिर्फ बातें
09:46 |
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