सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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सिर्फ तुम और मैं ♥



एक दिन जाना हैं वहाँ,
ऊपर बादल के जहां !!


जहा होगी फिर से तेरी मेरी बात !!
पर किसे पता,
क्या हो पायेगी वहाँ

फिर तुमसे मुलाक़ात !! 

युही तुम मुझसे
अनजाने में टकरा जाना
बाहों में ले युही फिर
मुझे सम्भालना
जो छुराना चाहु
खुदको तुमसे
मेरी एक ना सुनना
डाट मुझे तुम
अपने पास बिठाना 

य़ू मुझे तुम अपना बनाना
छोर के एक पल
कही न जाना
अहसास कभी
अपने प्रेम का
कम न होने देना
जो मै कभी तुमसे
रूठू ...

मुझे समझाना मुझे मनाना
दूर जाने का मुझसे
न करना कभी
कोई बहाना

सिर्फ और सिर्फ
मेरे ही रहना
बस मुझे अब है
इतना ही कहना
मेरे प्रेम का
थोडा सा मान
रखना
मुझे अपना बनाना
बस युही मुझे अपना बनाना ......बस युही 

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