सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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शब्द ♥

शब्द...... यही शब्द कभी आसमान की ऊचाईयों पर पहुँचा देते हैं
तो कभी यही शब्द कब्र में सुलाने में जरा भी देर नहीं करते....
एक ही इंसान के शब्द अलग अलग समय पर अलग अलग परिचय देते हैं.... जहाँ कभी ये शब्द किसी के निर्मल ह्रदय में डूबकी लगाने पर बाध्य करतीं हैं.... तो कभी यही शब्द आखरी प्रणाम की वजह भी बन जाती हैं...... आज बिलकुल समझ नहीं पा रही...
इंसान शब्दों से खेलता है.... या..... फिर ये शब्द इंसानों से खेलतें हैं....... शायद दोनों में से कोई नहीं खेलता...... बस वक्त चुपके से
इनके मायने बदल देता है..... बस यूंही...... ♥

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