सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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♥तुमसे ही है प्यार

तुमसे ही है दिल की धरकन 
तुमसे महका है ये जीवन 
सीधा साधा तुम्हारा ये मन 
तुमसे मिलके हुई मैं पावन
ना जाने क्या बात है तुममे 
जग सारा भूल जाऊ मैं पल में 
तुम्हें देखूं ..तुम्हें चाहूँ..
खयालों में भी तुमसे ही बतलाऊँ..
तेरे बिना ना रहूँ में एक पल 
जहाँ जाऊँ..जों भी करूँ 
तूँ रहें साथ साथ 
मेरी परछाईं बन कर ..
तेरे बिना कोई कल्पना 
मेरी न हो साकार 
तुने ही तो दिया मेरे 
उदास होटों को 
मुस्कुराहट का आकार ..
तेरी छवि है सबसे प्यारी 
सारी दुनिया तुझपे मैं वारी..
करदूं अर्पण तुमपे ये जीवन 
जों एक बार मुड़के तूँ देखले जानम 

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