सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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मेरे दिल में धड़कन बन गुंज़ने लगे हो तुम अपने ही सांसों में महसूस करने लगी हूँ तुम्हें इन अहसासों के बेहद करीब आने लगी हूँ मैं♥

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