सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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ए गुलशन 
मेरे दिलवर 
जो आये 
इन राहों में 
तुम कलियाँ
न बिछाना 
उन  क़दमों में 
हम दिल को 
बिछाने वाले हैं 

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