सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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अंत।।।।

फर्ज़। इश्क।वक़्त।सफ़र।
लो अब ख़त्म हुई
निभाई ना गई
हमसे वफ़ा
जिंदगी हार गई
के किस्मत
जीत गई

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