सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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प्रेम लिखेंगे

ख़ामोश लव रहेंगे अहसास बोल परेंगे बसयूँही गुज़रेगी जिंदगी जब तलक हम प्रेम लिखेंगे

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1 comments:

निभा said...

आभार सर।।।।

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