सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
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मेरे लिये.....

तुम मेरे लिये तारा हो गये...दूर आसमां में चमकता हुआ सितारा

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