तेरी कसम
मोहब्बत के ये रंग
लिखेंगी कलम
इसे जिंदा रखेंगे हम
यादों की महफ़िल को कुछ
यूँ रौशन करेंगे हम
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इक मौसम आता है
एक मौसम जाता है
तेरी यादों का मौसम
छाया रहता है
तुझे सोंचू सुबह शाम
ना इक पल को आराम
तरसती निगाहें
बरसता रहता है
पल दो पल का साथ
चंद लम्हों की मुलाकात
रहती हैं यादें साथ
मौसम सुहाना लगता है
तेरे आसपास
मेरी इक आस
दर्द बन हद से
गुज़रता रहता है
तेरी इक नज़र
मैं चाहूँ अपनी ओर
रह रह दिल सदा
सदायें देता है
1 comments:
तेरे आसपास मेरी एक आस..दर्द बन हदसे गुजरता रहता है...वाह..
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