skip to main |
skip to sidebar
राह तकती निगाहें
साँसें भरती आहें
लगा ले सीने से
फ़ैला दे अपनी बाहें
दिल की तड़प को
अब न तड़पा
इक बार देख मुड़के
ज़रा सा मुस्कुरा
चाहत का मेरी तूं
गम न करना
बस एक निगाह
इधर भी देख लेना
विरह की ये अगन
मैं सह लूंगी
साँस छोड़ दूंगी
तेरा साथ न छोडूंगी
0 comments:
Post a Comment