सत्य प्रेम के जो हैं रूप उन्हीं से छाँव.. उन्हीं से धुप. Powered by Blogger.
RSS

जय जगन्नाथ___

छाई हर ओर उमंग
बाज़े हैं ढ़ोल मृदंग
चली झाँकी बड़ी मनोहारी है
देख़ो देख़ो निकली
श्री जगन्नाथ जी की सवारी है
खुशियाँ हैं आई
सब दे रहें बधाई
रौशनी से भरपूर
देख़ो शुभ घड़ी
आई है
ख़ुशबुओं भरी बयार
फैला हर ओर प्यार
मदहोशी भक्ति में छाया
की देख़ो जय जगन्नाथ का स्वर लहराया
प्रभु की ये माया~है सब दिल भाया~!!!

  • Digg
  • Del.icio.us
  • StumbleUpon
  • Reddit
  • RSS

1 comments:

दिगम्बर नासवा said...

जय हो ... ये सच में प्रभू की माया है ...

Post a Comment